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भारत पर बुरी नजर रखने वालों को ‘मुंहतोड़ जवाब’ देना मेरी जिम्मेदारी' : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
By Lokjeewan Daily - 05-05-2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख एडमिरल के साथ अहम बैठकें कीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में आतंकवादियों को "करारा जवाब" देने का संकल्प लिया और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का उचित जवाब देने के लिए चर्चा चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों में सेना प्रमुखों के साथ कई उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकें की हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पहलगाम हमले के दोषियों को "करारा जवाब" देने के लिए बातचीत चल रही है। इसी दौरान राजनाथ सिंह का एक बयान सामने आया है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करना और भारत पर बुरी नजर रखने वालों को ‘‘मुंहतोड़ जवाब’’ देना उनकी जिम्मेदारी है। सिंह की यह टिप्पणी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में आयी है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। रक्षामंत्री सिंह ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और उनकी कार्यशैली, दृढ़ संकल्प और जिस तरह से वह ‘‘जोखिम उठाते’’ हैं, उससे वे भली-भांति परिचित हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिंह ने कुछ भी स्पष्ट किये बिना कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आप जो चाहते हैं, वह निश्चित रूप से होगा।’’ सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई पर विचार कर रहा है। उक्त हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। सिंह ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने सैनिकों के साथ मिलकर काम करूं और देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करूं। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं सशस्त्र बलों के साथ मिलकर उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दूं, जो हमारे देश पर बुरी नजर रखते हैं।’’

राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां ‘‘सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव’’ में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ‘देश की आत्मा की रक्षा’ में संतों और आध्यात्मिक नेताओं की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि एक सैनिक ‘‘रणभूमि’’ में लड़ता है, जबकि एक संत ‘‘जीवनभूमि’’ में लड़ता है। सिंह ने कहा कि भारत की ताकत केवल इसकी सशस्त्र सेनाओं में ही नहीं, बल्कि इसकी संस्कृति और आध्यात्मिकता में भी निहित है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी भूमि है जो अर्जुन जैसे योद्धा के लिए जानी जाती है, लेकिन इसने दुनिया को भगवान बुद्ध जैसे संत भी दिए हैं।

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