It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

हमारी अर्थव्यवस्था विश्वास-आधारित शासन के साथ नई ऊंचाइयों को छू सकती है : निर्मला सीतारमण
By Lokjeewan Daily - 14-06-2025

नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत पिछले 11 वर्षों में स्ट्रक्चरल सुधारों ने भारत के व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे को नया आकार दिया है।
वित्त मंत्री ने एक मीडिया आर्टिकल में लिखा कि भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना कई अनुकूल कारकों पर आधारित है। साथ ही यह अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों जैसे बैंकों, कॉरपोरेट्स, परिवारों, सरकार और एक्सटर्नल सेक्टर की बैलेंस शीट को मजबूत करने के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "पिछले 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का 'ट्विन डेफिसिट प्रॉब्लम से फाइव-बैलेंस शीट लाभ' तक परिवर्तन पीएम मोदी के नेतृत्व में ठोस नीतिगत प्रयासों का परिणाम है।"
उन्होंने आगे कहा कि "जब हम 2014 में सत्ता में आए तो हमारी सबसे पहली प्राथमिकता विकास को पुनर्जीवित करना था। जीएसटी, आईबीसी, आरईआरए और महामारी के वर्षों के दौरान, पीएलआई योजना और ईसीएलजीएस जैसे संरचनात्मक सुधार पेश किए गए, ताकि क्रेडिट-योग्य एमएसएमई को कोरोना से उबरने में मदद मिल सके।"
वित्त मंत्री ने अपने आर्टिकल में बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में पूंजी निवेश जीडीपी के 1.7 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 3.2 प्रतिशत हो गया।
11 वर्षों में, 88 हवाई अड्डों का संचालन किया गया, 31,000 किलोमीटर रेल पटरियां बिछाई गईं, मेट्रो नेटवर्क का चार गुना से अधिक विस्तार किया गया, बंदरगाह की क्षमता दोगुनी हो गई और राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 60 प्रतिशत बढ़ गई।
वित्त मंत्री ने अपने आर्टिकल में भारत की गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण प्रगति को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने विश्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है और देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।
वित्त मंत्री के अनुसार, यूपीआई द्वारा शुरू की गई डिजिटल भुगतान क्रांति से लेकर मुद्रा ऋण द्वारा प्रकट उद्यमशीलता की लालसा तक, पिछले 11 वर्षों ने दिखाया है कि जब हम विश्वास-आधारित शासन को नियामक बोझ में कमी और सार्वजनिक वस्तुओं के विस्तार के साथ जोड़ते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू सकती है।

अन्य सम्बंधित खबरे