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राजस्थान के सभी अभ्यर्थी कड़ा, पगड़ी और कृपाण पहनकर परीक्षा दे सकेंगे
By Lokjeewan Daily - 31-07-2025

राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केंद्र के एंट्री नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब से राजस्थान के सभी विभागों के लिए आयोजित की जाने वाली भर्ती में अभ्यर्थी कड़ा, पगड़ी और कृपाण पहनकर परीक्षा दे सकेंगे। गृह विभाग ने इस संबंध में राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड समेत सभी विभागों को भर्ती परीक्षा नियमों में संशोधन का आदेश जारी किया है।

राजस्थान सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भास्कर ए. सावंत ने आदेश में लिखा कि- परीक्षा केंद्रों पर सिख उम्मीदवारों की धार्मिक भावनाओं और गरिमा का पूरा सम्मान किया जाए। इसके साथ ही सुरक्षा जांच के दौरान भी उनकी धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखा जाए। उन्हें परीक्षा केंद्र में कड़ा, पगड़ी और कृपाण के साथ एंट्री दी जाए। गृह विभाग ने यह निर्देश सभी परीक्षा आयोजक संस्थाओं, जिला कलेक्टरों और पुलिस प्रशासन को तुरंत लागू करने के आदेश दिए हैं।

दरअसल, रविवार को जयपुर में PJS भर्ती में परीक्षा केंद्र में एंट्री के दौरान पंजाब से आई एक छात्रा को कड़ा उतारने को कहा गया था। इस मामले के बाद कई सिख संगठनों और अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया था। पंजाब के तरन तारन जिले की एक सिख लड़की को जयपुर में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित एक केंद्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। क्यों कि उसने कड़ा पहना था और उसके पास कृपाण भी था।

इस पर विरोध जताते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। बादल ने अपने पत्र में लिखा था कि- कड़ा और कृपाण सिख धर्म की पवित्र वस्तुएं हैं। यह अनुच्छेद 25 के तहत प्रदत्त उसके संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। उसे अपने धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार से वंचित किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 25 में सिख धर्म के अन्य प्रतीकों के साथ-साथ कृपाण का भी विशेष उल्लेख है। जिन पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है।

वहीं राजस्थान सरकार के फैसले का स्वागत करता हुए अब सुखबीर सिंह बादल ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि- मैं राजस्थान सरकार द्वारा सिख छात्रों को परीक्षा केंद्रों में पगड़ी, कड़ा और कृपाण सहित अपनी आस्था की वस्तुएं धारण करने की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत करता हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभारी हूं कि उन्होंने बपतिस्मा प्राप्त सिखों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित करने के हमारे अनुरोध पर सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रिया दी। मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह करता हूं कि वे अधिकारियों को गुरप्रीत कौर और अन्य छात्रों को विशेष अवसर प्रदान करने का निर्देश दें। जिन्हें पवित्र कृपाण धारण करने के कारण परीक्षा में प्रवेश से अनुचित रूप से वंचित कर दिया गया था। इसके साथ ही मैं अनुरोध करता हूं कि सभी छात्रों की स्क्रीनिंग समान रूप से की जाए, बिना किसी धार्मिक पूर्वाग्रह या सिख छात्रों के साथ भेदभाव किए बिना।

बता दें कि राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अभ्यर्थियों को कड़ा चैन इयररिंग्स समेत मंगलसूत्र जैसी ज्वेलरी पहन परीक्षा केंद्र में एंट्री देने पर रोक थी। वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के कपड़ों पर लगे मेटल के बटन पर भी प्रवेश नहीं दिया जाता है। लेकिन अब सरकार ने इस पूरे मामले पर सिख अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। इसके बाद भविष्य में आयोजित होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं में सिख अभ्यर्थी अपने धार्मिक आभूषण और वस्त्रों को पहन परीक्षा दे सकेंगे।

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