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नई दिल्ली । मंगलवार का दिन पवन पुत्र हनुमान को समर्पित है। ये दिन श्री रामभक्त की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। तो वहीं ज्येष्ठ या जेठ मास में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार की गई पूजा से कई बिगड़े काम बन जाते हैं। इस मास में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले बड़े मंगल पर विधि विधान से श्री हनुमान की पूजा करने से व्यक्ति को कई कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले ये मंगलवार काफी खास माने जाते हैं। इस बार कुल 5 मंगलवार पड़ेंगे। वहीं इस महीने का पहला बड़ा मंगलवार 13 मई को और आखिरी 10 जून को पड़ रहा है। कुछ चमत्कारी मंत्र और उपाय हैं जिससे अंजनि पुत्र प्रसन्न होते हैं और दुख दर्द से मुक्ति दिलाते हैं।
ऐसे मंत्र जो नकारात्मकता को दूर करते हैं, शत्रुओं को हावी नहीं होने देते और नौकरी में आ रही बाधा से मुक्त करते हैं। आइए ऐसे ही मंत्रों के बारे में जान लेते हैं।
ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। बड़े मंगल पर आप हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करने से हर प्रकार की बाधा का नाश होता है।
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय के जाप से व्यक्ति प्रेत बाधा एवं अन्य नकारात्मक शक्तियों से बचा रहता है।
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन। मान्यता है कि इस मंत्र जाप से नौकरी में आ रही बाधा दूर होती है। इसका कम से कम 108 बार जाप जरूर करना चाहिए।
ऊं हं हनुमते नम:। ये मंत्र अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है। कहते हैं इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को हर कष्ट और रोग से मुक्ति मिलती है।
इनके अलावा ॐ नोम भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा, ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा, ओम नमो भगवते हनुमते नमः भी सर्वोत्तम लाभ देते हैं।
कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से इस दौरान भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा हनुमान जी के कुछ मंत्रों के जाप से भी भक्तों के दुख दर्द दूर होते हैं।
ज्येष्ठ माह की शुरुआत मंगलवार 13 मई से होने जा रही है जो शुरू होकर 10 जून तक चलेगा। ये जानकारियां सामान्य मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित जानकारियों पर आधारित है।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए 13 मई से 10 जून के बीच कुछ विशेष उपाय से भी जिंदगी की बाधाएं दूर हो सकती हैं। ये उपाय उनके भोग से संबंधित हैं। सुंदरकांड, श्री हनुमान महाउपासना, हनुमान जी के मन्त्र और अष्टोत्तरशत नाम जैसे ग्रंथों में हनुमान जी को भोग से संबंधित जानकारी का उल्लेख है।
बात बड़े मंगल की तो जानकारों के अनुसार, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पहले बड़े मंगल पर बूंदी के लड्डू, दूसरे (20 मई) में चना और गुड़, तीसरे (27 मई) में सिंदूर, चमेली और तेल, चौथे (3 जून) को बेसन के लड्डू और पांचवें (10 जून ) को पान और नारियल चढ़ाने से मारुतिनंदन प्रसन्न होंगे और दुख हरेंगे।
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