It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

कार्तिकेय के पूजन से रोग-दोष, दुःख-दारिद्र का निवारण
By Lokjeewan Daily - 31-07-2025

मुंबई। दक्षिण भारत में स्कन्द सुप्रसिद्ध देवता हैं, जिनकी पूजा से संपन्नता प्राप्त होती है। स्कन्द देव, भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान श्रीगणेश के भाई हैं। दक्षिण भारत में भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय, सुब्रह्मण्य आदि स्वरूपों में जाना जाता है।षष्ठी तिथि भगवान स्कन्द को समर्पित है। सूरसम्हाराम के बाद आने वाली अगली स्कन्द षष्ठी को सुब्रहमन्य षष्ठी पुकारते हैं।


दक्षिण भारत में पलनी मुरुगन मन्दिर, स्वामीमलई मुरुगन मन्दिर, तिरुत्तनी मुरुगन मन्दिर, पज्हमुदिचोर्लाई मुरुगन मन्दिर, श्री सुब्रह्मण्य स्वामी देवस्थानम, तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मन्दिर, मरुदमलै मुरुगन मन्दिर आदि प्रमुख एवं प्राचीन कार्तिकेय के मंदिर हैं।

भगवान कार्तिकेय की पूजा स्कन्द षष्ठी के दिन की जाती है।
कार्तिकेय के पूजन से रोग-दोष, दुःख-दारिद्र का निवारण होता है।
धर्मग्रंथों के अनुसार नारद-नारायण संवाद के दौरान संतान प्राप्ति और संतान की पीड़ाओं का शमन करने के लिए इस व्रत का विधान बताया गया है।
धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान शिव के तेज से उत्पन्न बालक स्कन्द की छह कृतिकाओं ने स्तनपान करा कर रक्षा की थी। इनके छह मुख हैं और उन्हें कार्तिकेय नाम से पुकारा जाने लगा।

भोलेनाथ और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा मुख्यत: दक्षिण भारत, खासतौर पर तमिलनाडु में होती है। भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर तमिलनाडु में ही हैं।

धर्मधारणा है कि... स्कंद षष्ठी की उपासना से च्यवन ऋषि को आंखों की ज्योति प्राप्त हुई... स्कंद षष्ठी के पाठ से प्रियव्रत का मृत शिशु जीवित हो गया।
धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि... स्कन्द की उत्पत्ति अमावस्या को अग्नि से हुई थी, वे चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी को प्रत्यक्ष हुए थे, देवों के द्वारा सेनानायक बनाये गये थे तथा तारकासुर का वध किया था, अत: उनकी पूजा, दीपों, वस्त्रों, अलंकरणों, आदि से की जाती है, साथ ही, स्कंद षष्ठी पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

कार्तिकेय की स्थापना कर अखंड दीपक जलाए जाते हैं, विशेष कार्य की सिद्धि के लिए इस समय की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है!

अन्य सम्बंधित खबरे