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भीषण गर्मी में देवदूत बने युवा, दुर्लभ रक्त से रोशन हुई नवजात की जिंदगी
By Lokjeewan Daily - 12-06-2025

भीलवाड़ा लोकजीवन। प्रचंड गर्मी का सितम जारी है, जब आसमान से आग बरस रही है और धरती तवे-सी तप रही है। ऐसे मुश्किल हालात में भीलवाड़ा के कुछ युवाओं ने मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसने न केवल एक नवजात की जान बचाई, बल्कि पूरे परिवार की मायूसी को मुस्कान में बदल दिया। यह कहानी है निस्वार्थ सेवा और अपार करुणा की, जिसने साबित कर दिया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। दरअसल, शहर के कृष्णा अस्पताल में भर्ती एक नवजात बच्ची मीना जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। उसे तत्काल ओ नेगेटिव ब्लड  ग्रुप की प्लेटलेट्स की सख्त जरूरत थी। यह ब्लड ग्रुप  इतना दुर्लभ है कि अक्सर ब्लड बैंकों में भी इसकी उपलब्धता नहीं होती। मीना के परिजन हरसंभव कोशिश कर रहे थे, लेकिन निराशा ही हाथ लग रही थी। बच्ची की बिगड़ती हालत देखकर परिवार की उम्मीदें लगभग टूट चुकी थीं। विक्रम दाधीच ने इस मुश्किल घड़ी में अपनी भूमिका निभाई।
मानवता के सिपाही दुर्लभ रक्तवीर बने आशा की किरण
जैसे ही इस गंभीर स्थिति की जानकारी युवा रक्तदाताओं के समूह को मिली, वे बिना एक पल गंवाए सक्रिय हो उठे। चिलचिलाती धूप, तपती सडक़ें और शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी भी उनके बुलंद हौसलों के आगे बौनी साबित हुई। रक्त भामाशाह विक्रम दाधीच की प्रेरणा से मानव सेवा के जज्बे से ओतप्रोत होकर, ललित माली, अनिल शर्मा और विपिन सूरिया नामक तीन युवा तत्काल ब्लड बैंक पहुंचे। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के रक्तदान किया और नन्ही मीना को जीवन बचाने वाली प्लेटलेट्स उपलब्ध कराईं।
राजेश जोशी का भी अतुलनीय योगदान
इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ता है राजेश जोशी का। उन्होंने भी दुर्लभ  ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव का रक्तदान कर एक अन्य पीडि़त को नया जीवन दिया। ये सभी युवा, बिना किसी व्यक्तिगत लाभ की उम्मीद के, अनजान लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। रक्त भामाशाह विक्रम दाधीच ने े इन सभी दुर्लभ रक्तदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया।

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