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- डायरिया, बुखार और उल्टी के मरीज बढ़े
- चिकित्सा व्यवस्था पर बढ़ रहा है दबाव
भीलवाड़ा लोकजीवन। शहर में भीषण गर्मी और तेज उमस के बाद योग दिवस पर हुई बारिश ने जहां एक ओर लोगों को राहत पहुंचाई, वहीं दूसरी ओर इसने स्वास्थ्य संबंधी नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। मौसम में आई अचानक ठंडक और नमी के चलते लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। डायरिया, बुखार, उल्टी और अन्य मौसमी बीमारियों की शिकायतें आम हो गई हैं, जिसके चलते शहर के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को जिला चिकित्सालय महात्मा गांधी अस्पताल में मरीजों का हुजूम देखने को मिला। पर्ची काउंटर से लेकर चिकित्सक कक्ष के बाहर और दवा वितरण काउंटर तक मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई थीं। भीड़ के चलते मरीजों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
सावधानी बरतने से ही रोगो से निजात
एमजीएच के फिजिशियन डॉ. वीएस चौहान ने बताया कि बदलते मौसम में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खाना खाने से पहले और बाद में, शौच के बाद और बाहर से आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। रोज़ाना स्नान करें ताकि शरीर पर जमा धूल और कीटाणु साफ हो जाएं । हमेशा साफ और सूखे कपड़े पहनें। अनावश्यक रूप से बा
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रश में भीगने से बचें। यदि भीग जाते हैं, तो तुरंत कपड़े बदल लें। ठंडी ड्रिंक्स और आइसक्रीम का सेवन कम करें, क्योंकि इससे गले में खराश या सर्दी-खांसी हो सकती है। यदि आपको बुखार, दस्त, उल्टी या किसी भी प्रकार के संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
फंगल इन्फेक्शन से बचाव करे
एमजीएच के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. भागीरथ सिंह ने बताया कि इस मौसम में नम कपड़े फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। बारिश में भीगने पर पैरों को अच्छी तरह धोकर सुखाएं । पैरों में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए खुले जूते या सैंडल पहनना बेहतर है।
खान-पान का विशेष ध्यान
इस मौसम में खान-पान का ध्यान रखें क्योकि अभी ं पानी के दूषित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। बाहर के खुले खाने, कटे हुए फल और स्ट्रीट फूड से बचें, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया पनपने की संभावना अधिक होती है। घर का बना ताज़ा और गर्म भोजन ही करें। सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें। पत्तेदार सब्जय़िों को खासकर ध्यान से धोएं। भारी और तैलीय भोजन से बचें क्योंकि यह पाचन संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकता है। हल्का और सुपाच्य भोजन करें। अपने आहार में हल्दी, अदरक, लहसुन और तुलसी जैसी चीज़ों को शामिल करें जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं।
डॉ. सविता पारीक , डायटिशियन
घरों में अंदर व बाहर ना जमा होने दे पानी
अपने घर के आसपास या बालकनी में पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के पनपने का मुख्य स्रोत है। कूलर, गमलों और पुराने टायरों में जमा पानी नियमित रूप से खाली करें। कूड़े को ढंककर रखें और उसका सही तरीके से निपटान करें ताकि मक्खी-मच्छर न पनपें। रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें या मच्छर भगाने वाली चीज़ों का उपयोग करें।
डॉ. सीपी गोस्वामी, सीएमएचओ
बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास
मौसम में बदलाव के कारण आउटडोर के साथ-साथ इंडोर में भी मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। अस्पताल प्रशासन मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। मरीजों को परामर्श से लेकर दवा लेने तक कोई परेशानी ना आए इसके विशेष इंतजाम किए जा रहे है।
डॉ. अरुण गौड़, अधीक्षक, एमजीएच
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