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पश्चिमी राजस्थान - लोकसंस्कृति और पर्यटन का स्वर्णिम संसार
By Lokjeewan Daily - 20-05-2025

जयपुर ।भारत के मानचित्र में यदि रंग-बिरंगे लोकजीवन, समृद्ध परंपराओं और मरुस्थलीय सौंदर्य का कोई प्रतीक तलाशा जाए, तो पश्चिमी राजस्थान निस्संदेह उस चित्र को सजीव करता है। जैसलमेर की सुनहरी रेत से लेकर बीकानेर की कलात्मक हवेलियों तक, जोधपुर के नीले शहर से लेकर बाड़मेर की लोकधुनों तक—यह इलाका केवल भूगोल नहीं, बल्कि जीवंत संस्कृति और अपार पर्यटन संभावनाओं का केन्द्र है।

सदियों से विदेशी सैलानियों और देशी यात्रियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा यह सीमावर्ती क्षेत्र अब सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में नया इतिहास रच रहा है। जहां सुरक्षा है, सजगता है, लोकजीवन की सच्ची छवि है और एक ऐसा अनुभव है, जो किसी भी पर्यटक के हृदय में राजस्थान की अमिट छाप छोड़ जाता है।

संस्कृति और सौंदर्य का संगम: सीमावर्ती ज़िले पर्यटन की धुरीः-
पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दलीप सिंह राठौड़ बताते हैं कि पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख जिले—जैसे जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर—राज्य की सांस्कृतिक पहचान और पर्यटन की आत्मा हैं।
जोधपुर जिले के सालावास, चौपासनी और फलौदी; बाड़मेर के बरनवा जागीर, पाटौदी और शिव; जैसलमेर के जारना, बारना और पोखरण; तथा बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्र—ये सभी स्थान मिलकर इस क्षेत्र को राजस्थान के सांस्कृतिक पर्यटन का कोहिनूर बना देते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि इन क्षेत्रों की सांस्कृतिक संपन्नता और पर्यटन ढांचा, राज्य की वैश्विक पहचान को मजबूती प्रदान करता है।

आंकड़े बताते हैं पश्चिमी राजस्थान की लोकप्रियता-

वर्ष 2024 में इन चार जिलों में देशी-विदेशी पर्यटकों की भारी आमद रही:
• जोधपुर (ग्रामीण): 4,76,150 देशी व 3,545 विदेशी पर्यटक
• जोधपुर (शहर): 25,06,560 देशी व 2,03,945 विदेशी पर्यटक
• जैसलमेर: 2,24,16,810 देशी व 1,61,884 विदेशी पर्यटक
• बाड़मेर: 34,65,028 देशी व 249 विदेशी पर्यटक
• बीकानेर: 63,54,899 देशी व 71,079 विदेशी पर्यटक
ये आंकड़े इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं को दर्शाते हैं और बताते हैं कि यह क्षेत्र ना केवल लोकप्रिय है, बल्कि देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए अत्यंत आकर्षक भी हैं।

सुरक्षा और सजगता: सीमावर्ती पर्यटन की अनूठी विशेषताः
राठौड़ बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए जिस सुरक्षा और भरोसे की ज़रूरत होती है, वह राजस्थान में उपलब्ध है। हाल में विषम परिस्थितियों में देश में एक समय आईपीएल जैसे आयोजन भी स्थगित हुए थे, लेकिन जैसे ही हालात सुधरे, राजस्थान को तीन आईपीएल मैचों की मेज़बानी दी गई। यह इस बात का प्रमाण है कि राज्य पर्यटकों के लिए न केवल आकर्षक, बल्कि सुरक्षित भी है।
इसके अतिरिक्त, सीमावर्ती होने के कारण यहां की आम जनता, स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल और सशस्त्र बलों में भी एक विशेष सजगता और जिम्मेदारी की भावना देखने को मिलती है। यह सजगता पर्यटकों के प्रति उनके व्यवहार और सेवा में भी झलकती है।

रेत, रंग और राग: यहां की सांस्कृतिक आत्माः-
थार रेगिस्तान का यह इलाका लंगा, मांगणियार और मीर जैसे पारंपरिक लोकगायक समुदायों का घर है। उनकी सुर-लहरियां, कालबेलिया नृत्य, कठपुतली कला, दरी बुनाई, मिट्टी के बर्तनों का निर्माण, एप्लिक कार्य, चमड़े की कारीगरी, उस्ता कला और मिनिएचर पेंटिंग—इन सबका संगम इस क्षेत्र को जीवंत सांस्कृतिक संग्रहालय बनाता है। कालबेलिया लोकनृत्य, जिसे यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया गया है, यहां की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है।

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