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फर्जी गौवंश टैग प्रकरण : 28 गौशालाएं ब्लैकलिस्ट, एसीबी करेगी जांच
By Lokjeewan Daily - 25-06-2025

जयपुर। राजस्थान में गौसेवा के नाम पर करोड़ों रुपये की अनियमितता का मामला सामने आया है। गोपालन विभाग ने जैसलमेर जिले की 28 गौशालाओं को फर्जीवाड़ा करने का दोषी पाते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इन संस्थाओं द्वारा 49 हजार 314 फर्जी गौवंश टैग लगाकर सरकारी अनुदान राशि उठाने की कोशिश की गई थी। विभाग ने समय रहते कार्रवाई करते हुए करीब 29 करोड़ 58 लाख रुपये की राशि बचा ली है। मामले की विस्तृत जांच अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंपी गई है।
गोपालन, डेयरी, पशुपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि विभाग की तकनीकी प्रणाली को अपडेट किया गया है, जिससे अब डुप्लीकेट टैग से अनुदान लेना संभव नहीं रह गया है। उन्होंने बताया कि इस सुधार के चलते राज्य सरकार को बड़ी आर्थिक हानि से बचाया जा सका है।

811 करोड़ की अनुदान राशि से पहले हुआ सत्यापन
मंत्री ने बताया कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 की अवधि के लिए 811 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जल्द जारी की जाएगी। इससे पहले सभी गौशालाओं का भौतिक सत्यापन कराया जा चुका है। सरकार ने प्रति गौवंश अनुदान राशि में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है, जिससे प्रदेश की तीन हजार से अधिक गौशालाओं के करीब 13.80 लाख गौवंश को बेहतर चारा-पानी मिल सकेगा।

नंदी संरक्षण के लिए 2740 करोड़ का बजट

सरकार नंदी संरक्षण को भी प्राथमिकता दे रही है। पंचायत समिति स्तर पर नंदीशालाएं खोलने के लिए प्रति स्थान 1.57 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। अब तक 109 नंदीशालाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से 65 का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 10 पहले ही तैयार हो चुकी हैं। इनमें 4708 नंदियों को शिफ्ट किया जा चुका है। नंदीशालाओं के लिए राज्य सरकार ने कुल 2740 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।

फर्जी भुगतान पर सख्त रुख

मंत्री जोराराम कुमावत ने स्पष्ट किया कि गौमाता के नाम पर फर्जी भुगतान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों से रिकवरी की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए लगातार निगरानी की जा रही है। महालेखाकार की टीमों द्वारा विभिन्न जिलों में ऑडिट का कार्य चल रहा है और अब तक आठ जिलों में गड़बड़ी पाए जाने पर रिकवरी नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

सरकार का कहना है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए गौसेवा से जुड़ी योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा।

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